मांसपेसियों में दर्द, थकान, और हमेशा एक बेकार सी अनुभूति -अगर आपको भी ऐसा हो रहा है तो जिम छोड़ने के लिए आपको कोई मना नहीं करेगा बशर्ते आपको मासिक धर्म न हो |सच्चाई तो यह है की अगर आप मासिक धर्म के दौरान व्यायाम करते हो तो इससे आपकी मासिकधर्म की आम समस्याओ का निवारण होता है और तंदुरुस्ती भी रहती है |
ये कुछ व्यायाम आपके मासिकधर्म में सहायक हो सकते है
1.टहलना
विशेषज्ञ भी मानते है की मासिकधर्म के दौरान कठोर व्यायाम के स्थान पर सिर्फ टहलना चाहिए इससे किसी भी प्रकार की चोट का खतरा कम होता है| इसलिए आलस्य त्याग कर सुबह-शाम टहलने की आदत डाले
२ नृत्य
किसी ताल पर नाचना या फिर सिर्फ घूमना ही अपने आप में एक सुखद अनुभव है |आपको मासिक धर्म के दौरान ज़ुम्बा क्लासेज कर लेनी चाहिए या फिर अपनी कमरे या घर में ही किसी संगीत पर घूमना चाहिए इससे बेकार दिन भी खिला खिला लगता है और इसके आलावा यह आपकी कैलोरी भी बर्न करता है |
३ पैर ऊपर उठाना
मासिकधर्म के दौरान व्यायाम का यह अर्थ नहीं है की आपको बहार जाना ही है |यह व्यायाम करने से आपके पेट, पीठ और श्रोणीय हस्से पर बल पड़ता है और यहाँ की मांसपेशिया ढीली होती है |इस व्यायाम को शुरू करने के लिए पहले चटाई पर लेट जाये फिर अपने पैरो को धीरे धीरे ऊपर उठाये, जब तक की आपके पैर शरीर से ९० डिग्री का कोण न बना ले |इस स्थति को कुछ समय तक रखे फिर पैर नीचे कर ले |
यह पूरी प्रक्रिया ५ से १० बार दोहराये |
४ स्ट्रेचिंग
स्ट्रेचिंग मांसपेसियों को लम्बा करता है और इनमे अकड़न होने से रोकता है |ऐसा स्ट्रेच जिसमे आप अपनी कोहनी पेट की तरफ लाते है उससे मासिकधर्म के दौरान होने वाले पीठ के दर्द में काफी लाभ होता है |कृपया गहरी साँसे लेना न भूले ऐसा करने से मांसपेसियों में तनाव काम होता है और पेट के पास गर्माहट पैदा होती है |स्ट्रेचिंग को धीरे धीरे करना चाहिए और कभी भी तनाव के विपरीत जा करके नहीं करना चाहिए |एक स्ट्रेच को कम से कम २० से ३० सेकंड के लिए रोकना चाहिए |
५ बलासना
बलासना एक शांतिदायक आसन है |जिसके करने से पीठ लम्बी होती है और पीठ की अकड़न भी खत्म हो जाती है |इसके कारण पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है जिसकी वजह से यह मासिकधर्म में होने वाले दर्द के लिए एक उचित आसन है|इस आसन को करने के लिए चटाई पर झुक कर ऐसे बैठना है ताकि आपके कूल्हे आपके पैरो पर हो और आपकी कोहनी एक साथ जुड़ी हो |आगे झुके ताकि आपकी छाती आपकी जांघो से छू जाये और आपका माथा चटाई से, अपने हाथो को सीधा आगे रखे या अपने बगलो में |१५ सेकंड तक इस स्तिथि को बनाये रखे |
इस व्यायाम के दौरान सांस लेना न भूले ऐसा करने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी, नाक के रस्ते सांस ले और मुँह के रस्ते सांस छोड़े|